सिकमी/बटाईदार एवं वनपट्टाधारी किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया

नर्मदापुरम। जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती ज्योति जैन ने बताया कि इस श्रेणी के किसानों का पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। पंजीयन केन्द्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाईल नंबर हो तथा सिकमीनामा (निर्धारित प्रारूप में) की प्रति साथ में लेकर आना होगा। सिकमीनामे की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर आपरेटर द्वारा स्केन कर अपलोड करनी होगी, उसके उपरांत ही पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण हो सकेगी।
पंजीयन केन्द्रों पर आपरेटर द्वारा किसान के आधार में दर्ज नाम ई-उपार्जन पोर्टल पर प्रविष्ट किया जाएगा। सिकमी/बटाईदार किसान द्वारा प्रस्तुत सिकमीनामे में दर्ज किसान विवरण के आधार पर जिला/तहसील/ग्राम का चयन करते हुए संबंधित खसरा नंबर का चयन किया जाएगा। वनपट्टाधारक किसान के पंजीयन में वनपट्टा क्रमांक, खसरा, रकबे एवं बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी।
सिकमी/बटाईदार/पट्टाधारी किसान का आधार नंबर प्रविष्ट किया जाएगा। आधार नंबर प्रविष्टि के उपरांत किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त होगा, जिसके माध्यम से सत्यापन उपरांत आधार डाटाबेस में दर्ज पूर्ण जानकारी UIDAI से ई-उपार्जन पोर्टल पर प्राप्त होगी। मोबाईल नहीं होने पर बायोमेट्रिक डिवाईस से भी सत्यापन किया जा सकेगा।
ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज किसान के नाम एवं आधार डाटाबेस में दर्ज किसान के नाम का मिलान ई-उपार्जन पोर्टल पर होने की दशा में पंजीयन सुरक्षित करने हेतु “सुरक्षित करें” विकल्प को क्लिक करना होगा।सफल पंजीयन की जानकारी एसएमएस के माध्यम से किसान को प्राप्त होगी जिसका पोर्टल से प्रिन्ट भी निकाला जा सकेगा।
वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वनपट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराना होगी। किसान द्वारा बोई गई फसल की किस्म, रकबा तथा विक्रय योग्य मात्रा की जानकारी भी प्राप्त कर आवेदन में दर्ज की जाए। किसान द्वारा उत्पादित फसल का भंडारण किन स्थानों पर किया गया है अथवा किया जाएगा, इसकी जानकारी भी आवेदन में दर्ज की जाए।
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