धार्मिकसिवनी मालवा

प्राचीन शिव गणेश मंदिर : 1300 साल पुराने इस में मंदिर में पाषाण पर बनी अद्भूत प्रतिमा, जानें इसकी मान्यता…

सिवनी मालवा . शिवरात्रि पर्व को लेकर सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का ताँता लगा है। भक्त सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन करने के लिए कतारों में लगे हुए हैं। सिवनी मालवा के अति प्राचीन शंकर मंदिर में भगवान शिव पर दूध, जल सहित पूजन की सामग्री अर्पित करने के लिए भक्त अति उत्साहित दिखाई दे रहें है। वही मंदिर समिति ने दर्शन के लिए भी विशेष व्यवस्था की है, जिससे लाइन में लगकर भक्तों को सुगमता से दर्शन हो सके।
वैसे तो सिवनी मालवा तहसील ऐतिहासिक धरोहरों से भरी हुई है। नगर में अनेक प्राचीन मंदिर है पर 1300 साल पुराना शिव गणेश मंदिर अदभुत है। इतिहासकार बताते है कि इस मंदिर में एक ही पाषाण पर बनी अद्भुत प्रतिमा विराजमान है यहां पर गणेश भगवान की मूर्ति के साथ रिद्धि सिद्धि है और मूर्ति के पीछे कल्प वृक्ष है, जिसमें से नागदेव गणेशजी के सिर पर निकल कर दर्शन दे रहे हैं। प्रतिमा के ठीक सामने नंदी विराजमान है। वही मंदिर परिसर में भक्तों ने अनेक प्रतिमाओं को स्थापित कराया है।

वैसे तो इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है पर तीज त्यौहार पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। महाशिवरात्रि पर्व पर इस मंदिर में भक्तों का सुबह से ही तांता लगा रहता है। शिव गणेश मंदिर के बारे में भक्तों ने बताया कि ये मंदिर लगभग 1300 साल पुराना है और एक ही पाषाण पर बनी अद्भुत प्रतिमा है। मंदिर में गुफा के साथ ही कुआं-बावड़ी भी है। मंदिर के नीचे स्थित गुफा को दर्शन के लिए वर्ष में सिर्फ एक ही बार शिवरात्रि के दिन खोला जाता है जहाँ भक्त भगवान शिव सहित संकटमोचन हनुमान के दर्शन करते है। जानकार बताते है की ऐसी मान्यता है कि कल्प वृक्ष के पास बैठकर मांगने से भक्त की हर मनोकामनाएं पूरी होती है।

वर्तमान में यह गणेश मंदिर शंकर मंदिर के नाम से है विख्यात
इतिहासकार और लेखक विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि ये गणेश शिव मंदिर (शंकर मंदिर) सिवनी मालवा नगर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। आज तो यह मंदिर नगर की आबादी के बाहर प्रतीत होता है या ये कहा जाए कि नगर आबादी धीरे-धीरे पूर्व दिशा कि ओर सरकते हुए तीन किलोमीटर तक बढ़ गई है। शायद इसीलिए कभी नगर के मध्य स्थापित यह मंदिर अब नगर के बाहर हो गया है। सिवनी मालवा नगर का यह गणेश मंदिर एक चमत्कारिक मंदिर है। इसका एक कारण ये भी है कि मंदिर में स्थापित गणेश भगवान की प्रतिमा और प्रतिमा के ऊपर का मंडप एक ही पत्थर पर उत्कृष्ट मूर्तिकला का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

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