क्या सरकार में शासकीय कार्यालय में पत्रकारो का जानकारी लेने जाना प्रतिबंधित है? जो आपके अधिकारी शासकीय कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवा रहे है ।
सीएमओ ने पत्रकार पर दर्ज करवाया मामला, पत्रकार संघ ने ज्ञापन सौप की निष्पक्ष जाँच की मांग

सिवनी मालवा ।विवादों में रही नगर पालिका सीएमओ शीतल भलावी की कार्यशैली एक बार फिर विवाद के घेरे में आ गई है। जब सिवनी मालवा के पत्रकार रात को 11:00 नगर पालिका खुले होने की जानकारी लेने नगर पालिका पहुंचते हैं तो उन पत्रकार पर सीएमओ मैडम शासकीय कार्य में बाधा सहित कई अन्य मामले दर्ज करवा देती है। सीएमओ की कार्य शैली से नाराज पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम और एसडीओपी को सौंप कर निष्पक्ष जांच की मांग की।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि विधानसभा सिवनी मालवा के अंतर्गत सिवनी मालवा नगर पालिका में सीएमओ द्वारा जानकारी लेने गए पत्रकार पर शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाया गया है ।
पत्रकारो का कहना है कि विधानसभा सिवनी मालवा अंतर्गत नगरपालिका में सीएमओ शीतल पिता रामनारायण भलावी द्वारा नगर पालिका कार्यालय में जानकारी लेने गए दैनिक अनोखा तीर के पत्रकार व शिखर पत्रकार संघ के जिला संयोजक केके यदुवंशी के साथ झूमा झटकी और जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही नगर पालिका कर्मचारियों के साथ मिलकर पुलिस थाना पहुंचकर पत्रकार केके यदुवंशी के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित अन्य मामले दर्ज करा दिए गए।
ज्ञापन में बताया गया कि पत्रकार केके यदुवंशी को 25 दिसंबर 2024 दिन बुधवार को रात्रि लगभग 11 बजे जानकारी मिली थी कि नगर पालिका कार्यालय में हलचल है, जिसकी जानकारी पत्रकार द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष रितेश रिंकू जैन को उसी समय इस विषय में जानकारी चाही तो उन्होने कहा मुझे कोई जानकारी नहीं है कि नगर पालिका में क्या चल रहा है, आप स्वयं कार्यालय में जाकर देखों कि इतनी रात में कार्यालय क्यों खुला हुआ है। जिसके बाद पत्रकार केके यदुवंशी नगर पालिका में इसकी जानकारी लेने के लिए पहुंचे।
आपको जानकारी के लिए बता दे कि पूर्व में जब राजस्व विभाग में भी राजस्व महाअभियान के तहत छुट्टी के दिन में काम किया जा रहा था, तब भी पत्रकार वहां पहुंचे थे तब तत्कालीन तहसीलदार राकेश खजुरिया ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया था कि राजस्व महाअभियान के अंतर्गत छुट्टी के दिन कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद पत्रकारों ने तहसीलदार की अनुमति से फोटो खींचकर शासन के पक्ष में राजस्व विभाग की सकारात्मक खबरें प्रकाशित की थी। अगर सीएमओ शीतल भलावी सही और शासन के नियमानुसार कार्य कर रही थी तो वह भी पत्रकार से शालीतना पूर्वक बात करते हुए पूरी जानकारी दे सकती थी, जिससे नगर पालिका कार्यालय द्वारा जनता के लिए किए जा रहे कार्य का सकारात्मक प्रकाशन अखबारों में हो सकता था। लेकिन हो सकता है कि नगर पालिका में रात्रि के समय कुछ ऐसे कार्य हो रहे हो जिसके सामने आने से इन्हे दिक्कतों का सामना करना पड़ता, संभवतः इसीलिए सीएमओ के द्वारा पत्रकार के साथ अभद्रता की गई और जान से मारने की धमकी दी गई।
अगर पत्रकार द्वारा कथित तौर पर पत्रकार केके यदुवंशी ने नगर पालिका कार्यालय में पहुंचकर कोई अभद्रता या अन्य कार्य किया जा रहा था तो उसी समय सीएमओ द्वारा इसकी सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी गई। जिससे प्रतीत होता है कि उस समय पत्रकार द्वारा ऐसी किसी घटना को अंजाम नहीं दिया गया, जिससे शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो। बाद में सीएमओ अपने नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ पुलिस थाने पहुंच कर कुछ चुनिंदा वीडियों बताकर इसे शासकीय कार्य में बाधा का मामला बताया गया। साथ ही सीएमओ शीतल भलावी द्वारा पत्रकार केके यदुंवशी का मोबाइल में रिकार्ड वीडियो और फोटो अपने कर्मचारियों से बोलकर डिलीट करवा दिए गए। महोदय जी सीएमओ को ऐसा क्या डर था कि वीडियो फोटो में ऐसा क्या था कि उनके कथित कार्यो की पोल खुल जाती।
पत्रकार संघ सिवनी मालवा मांग करता है कि सीएमओ शीतल भलावी की कार्यशैली लगातार विवादित रही है, पूर्व में भी उनके ही नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए शिकायत की जा चुकी है। साथ ही पूर्व में जिन नगर पालिका में शीतल भलावी पदस्थ रही है, उनमें से कुछ नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोप के चलते उन्हें निलंबित किया गया था, जिनमें से कुछ मामले की जांच अभी भी संभवतः प्रचलन में है। उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा और इस के झूठे मामले ना बने इसके लिए भी कोई उचित कदम उठाए जाए।



